बुधवार, 1 अगस्त 2012

कसाब को बिरयानी

हर घटना
एक समय बाद
इतिहास की घटना
बन जाती  है 

युद्ध पानीपत  का हो
या हल्दीघाटी का
आतंकी हमला मुंबई का  हो
या पार्लियामेंट का
सभी घटनाएं  इतिहास के
पन्नों में  दर्ज हो जाती है 
  
आने  वाली पीढियाँ
इतिहासिक घटनाओं से
जब रूबरू होती है तब  
महात्मा गाँधी, भगत सिंह और
सुभाष चन्द्र बोस जैसे प्रसंगों को
पढ़ कर उन्हें गर्व  होता है 

लेकिन आज जब देशवासी
अपने देश के इतिहास में पढ़ते हैं कि
कि मुंबई आतंकी  हमले के दोषी
कसाब  को फाँसी की जगह
सरकार  बिरयानी  खिलाती रही  

या पार्लियामेंट पर
आतंकी हमले के दोषी
अफजल गुरु को सरकार
दस वर्ष तक सजा देने  में
नाकाम रही 

तो उसका मन
इतिहास का सर्जन
करने वालो के प्रति
नफ़रत से भर जाता है

और उसका दिल
देश के इन कथित नेताओं को
चुल्लू भर पानी में डूब मरने
के लिए कहता है ।











कोलकता
३१ अक्टुम्बर २०११

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