शिशु के बदन पर माँ
के हाथ का ममतामयी स्पर्श
प्रणय बेला में नववधू
के हाथ का रोमांच भरा स्पर्श
पेड़ों पर झूलती लताओं
का आलिंगनपूर्ण स्पर्श
पहाड़ों पर मंडराते बादलों
का प्यार भरा स्पर्श
हँसती खिलखिलाती नदी का
सागर में समर्पण का स्पर्श
सागर में समर्पण का स्पर्श
गुलशन में गुनगुनाते भंवरों
का फूलों से मधुमय स्पर्श
मानसरोवर के स्वर्णिम कमलों पर
तुहिन कणों का स्पर्श
दुनियाँ के कोमलतम
स्पर्श की कहानी कहते हैं |
कोलकत्ता
१ अक्टुम्बर, २०१०
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