कुमकुम के छींटे
रचयिता- भागीरथ प्रसाद कांकाणी
शुक्रवार, 3 अगस्त 2012
मिठास
घर के बड़े-बुड्ढे
समय-समय पर
पीते रहते है
कुछ कड़वा
कुछ तीखा
ताकि परिवार के
रिश्तों में बची
रह सके मिठास।
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