रविवार, 5 अगस्त 2012

मत बदलो






ग्वाल- बालों को अलगोजे पर
अपने लोक गीत गाने दो
उनके होठों पर
नए तराने मत सजाओ 


पनघट पर जाती गौरियों को
घूँघट से झांकने दो
उनको पश्चिमि
रंग में मत सजाओ 


मेहमान का स्वागत
छाछ और मट्ठे से करो
उनको कोकाकोला पिला कर 
  स्वास्थ्य नष्ट मत करो 


    बुड्ढे माँ- बाप की सेवा   
घर में रख कर ही करो
 वृद्धाश्रम भेज कर अपना
 भविष्य मत बिगाड़ो 


पेड़ पौधों और पर्यावरण
की रक्षा करो
जंगलो को काट कर 
  अपना जीवन मत बिगाड़ो। 


कोलकत्ता
३१ जुलाई, २०११

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