मंगलवार, 7 अगस्त 2012

मौसम बदलता है










हर बार
जा कर वापिस
 लौट आने वाला मौसम
अच्छा लगता है 

सर्दियों की 
गुनगुनी धूप
बसंत में कोयल की कूक
सावन की रिमझिम
मन को भाती है

याद आ जाती है
 पिछली बातें उस मौसम की
 जब वो लौटक आता है 

मौसम का
बदल कर लौट आना
  वैसा ही लगता है
जैसा तुम्हारा पीहर  जाकर
लौट आना। 

कोलकत्ता
५ सितम्बर, २०११

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