सोमवार, 6 अगस्त 2012

कौआ आकर बोलता है





जब भी घर में नया सदस्य
जुड़ने वाला होता है
कौआ उससे पहले आकर
जरूर बोलता है 

चाहे घर में बहु के  बच्चा
होने की आश हो
चाहे घर में बेटे की सगाई
होने की बात हो 

कौआ खिड़की पर
आकर जरूर बोलेगा
एक दो दिन नहीं
कई दिन तक बोलेगा 

सबको आकर
पहले से बतायेगा
घर में कोई
नया  प्राणी आयेगा 

कौए का खिड़की पर 
बैठ कर बोलना
यानी की घर में एक
नए सदस्य का आना 

ये आज से नहीं कई
बरसों  से हो रहा है
कौआ आकर शुभ सूचना
पहले से ही दे रहा है

एक बार माँ ने कहा
इस बार तुम्हारा कौआ
झूठा होगा

नहीं कोई बहु का
पाँव भारी है
नहीं कोई घर में
होने वाली सगाई है 

लेकिन कुछ दिन बाद ही
माँ ने खुश खबर दी
बहु का पाँव भारी है
सबको बधाई दी 

कौआ जब भी बोला है
सच बोला है
कभी झूठ नहीं बोला है।  


कोलकत्ता
२२ अगस्त, २०११ 













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