मंगलवार, 7 अगस्त 2012

दूधों नहाओ - पूतों फलो



सरकार चाहे जितना
भी खर्च कर दे
इस देश की आबादी
पर नियंत्रण मुश्किल है |

हमारे देश की तो मिट्टी
को ही वरदान प्राप्त  है |

यहाँ  खेत से सीता निकलती है
पत्थर की शिला से अहिल्या निकलती है  |

कान  से कर्ण निकलता है
घड़े से अगस्त्य निकलता है
खम्बे से नरसिंह  का प्रकाट्य होता है |

ये महान देश है
इसकी महान परम्पराएँ   हैं  |

यहाँ  पाँव छूने पर
बहुओं  को भी
दूधों नहाओ और  पूतों  फलो
का आशीर्वाद दिया जाता है  |

 बच्चों को  यहाँ  रामजी की
  देन समझा जाता है  |
  
इस देश की आबादी पर
नियंत्रण कैसे संभव है  ?



कोलकत्ता
१० अगस्त, २०११

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