अमेरिका में लोग यहाँ
बहुत मेहनती होते हैं
बहुत मेहनती होते हैं
हो डगर कितनी भी मुश्किल
ये आगे बढ़ते जाते हैं
मुस्कान फेंकते जाते हैं
खून को ये अपने रगों में
कार्य बना कर दौडाते है
पथरीली बंजर जमीन को
ये मधुबन में बदलते है
मुस्कान फेंकते जाते हैं
यहाँ रंग भेद की बात नहीं
ये मधुबन में बदलते है
मुस्कान फेंकते जाते हैं
यहाँ रंग भेद की बात नहीं
छोटे- मोटे का भाव नहीं
सारे मिल कर यहाँ एक साथ
गीत प्यार के गाते है
मुस्कान फेंकते जाते हैं
मुस्कान फेंकते जाते हैं
करने की सबमे ललक यहाँ
ये ऊँचे होंसले रखते हैं
है इतने कर्मठ और मेहनती
पत्थर पर फूल खिलाते हैं
. मुस्कान फेंकते जाते हैं
. मुस्कान फेंकते जाते हैं
डरते नही प्रलय से भी
ये अन्तरिक्ष में उड़ते हैं
अतुल समुद्र की गहराई में
ये झांक कर आते हैं
मुस्कान फेंकते जाते हैं
मुस्कान फेंकते जाते हैं
दूर खड़े क्षितिज के पार
नहीं थोथे गाल बजाते हैं
जो कहते है वो करते हैं
दुनियाँ में परचम लहराते हैं
मुस्कान फेंकते जाते हैं।
सैन डिएगो (अमेरिका)
२३ दिसम्बर, २००८
मुस्कान फेंकते जाते हैं।
सैन डिएगो (अमेरिका)
२३ दिसम्बर, २००८
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें