बुधवार, 1 अगस्त 2012

शवों की कीमत

दिल्ली फिर दहला
हाई कोर्ट के गेट पर
बम्ब ब्लास्ट हुआ

खून का तालाब भरा
लाशों का मंजर लगा
आतंकवाद का
नंगा नाच हुआ

सरकार ने
शवों की कीमत
पांच लाख लगाई
स्थाई तौर पर
विकलांगों की कीमत
दो लाख लगाई

कोई नेता या
उसका रिश्तेदार
नहीं मरा
जो भी मरा
जब भी मरा
आम आदमी ही मरा

शवों की कीमत तो
आम आदमी की ही
लगाई जाती है
नेताओं के शवों
पर तो मालाऐ
चढ़ाई जाती  है।



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