कुमकुम के छींटे
रचयिता- भागीरथ प्रसाद कांकाणी
रविवार, 5 अगस्त 2012
हरा पत्ता
जब पीला पत्ता
डाल से गिरता है
हरा पत्ता थोड़ा
कांप उठता है
लेकिन
थोड़ी देर बाद
शान्त हो जाता है
बसंत आते ही
हरा पत्ता फिर
लहलहाता है
वो नहीं जानता
मरने के बाद
आत्माओं के सफ़र
के बारे में।
कोलकता
२ सितम्बर, २०११
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