रविवार, 5 अगस्त 2012

आदमी







मैंने तुम्हें 
अंधे व्यक्ति की लाठी पकड़ कर
 रास्ता पार कराते हुए देखा है 

मैंने तुम्हें  
सड़क पर घायल पड़े व्यक्ति को
  अस्पताल पहुंचाते हुए देखा है  

मैंने तुम्हें  
वृद्धाश्रम में जन्मदिन मनाकर
  खुशियाँ बाँटते हुए देखा है 

मैंने तुम्हें 
वृद्ध और असहाय व्यक्तियों की
 सहायता करते हुए देखा है

मैंने तुम्हें 
गरीब की आँख से गिरते
आँसू को उठाते हुए देखा है

मै तुम्हारा
एक स्टेच्यु बना कर
  मेडम तुसाड के म्यूजियम में
 लगाना चाहता हूँ 

ताकि आने वाली पीढ़ी 
एक सच्चे इन्शान को
देख सके। 

कोलकत्ता
१८ सितम्बर, २०११  

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