मंगलवार, 31 जुलाई 2012

मजा ही कुछ और है



सूर्योदय तक
बिस्तर में पड़े रहने से तो
खुली हवा में टहलने का
मजा ही कुछ और है


टी.वी. पर क्रिकेट मैच
 देख कर तालियाँ बजाने से तो
नुक्कड़ पर क्रिकेट मेच खेलने का
मजा ही कुछ और है


आई पोड पर
चेटिंग कर समय बिताने से तो
कुछ सर्जनात्मक कार्य करने का
मजा ही कुछ और है |

बच्चे को
 डांट कर रुलाने से तो
रोते बच्चे को हँसाने का
मजा ही कुछ और है  

बुराई का बदला
बुराई कर देने से तो
भलाई कर देने का
मजा ही कुछ और है 

झूठी शान ओ शोकत में
धन बर्बाद करने से तो
किसी गरीब के आँसू पोंछने का
मजा ही कुछ और है। 

कोलकत्ता
२३ अप्रैल,२०११

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