रविवार, 29 जुलाई 2012

होली आई रे

बाजे ढोल मृदंग आज
फिर होली आई रे 
तन मन  हर्षित हुआ  आज
फिर फागुन आयो रे  

चुनर हो गई लाल आज
फिर  होली आई रे  
भीजे कंचन देह आज
फिर फागुन आयो रे  

बरसे रंग गुलाल आज
फिर होली आई रे
जित देखो तित धूम आज
फिर  फागुन आयो रे 

मन वृन्दावन बना आज
फिर होली आई रे 
मिल कर रास रचाओ आज
फिर फागुन आयो रे। 

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