सोमवार, 30 जुलाई 2012

क्या बीती

रात का समय
दिसम्बर का महीना
सर्दी की परिकास्ठा
सन्नाटे को चिरती ठंडी हवाएं
न आकाश में चाँद, न तारे
चारो तरफ घटाटोप काले-काले बादल
दिल को दहलाने वाली बिजलियाँ
और मुसलाधार वर्षा
मै उठा और कमरे की खिड़की
बंद कर, निश्चिंत हो गया
फुटपाथ को बसेरा बनाए बेसहारों
पर क्या बीती
किसने सोची ?

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