सोमवार, 30 जुलाई 2012

हीया- हीया हो


  


रात चाँदनी
तारे चमके
चँदा बोला
 हीया- हीया हो

बिजली चमकी
बादल बरसा
मोर बोला
हीया -हीया हो

कली  खिली
फूल हँसा
भंवरा बोला
हीया -हीया हो

सावन आया
झूले डाले
कोयल बोली
हीया- हीया हो

सूरज निकला
सर्दी भागी
बच्चे बोले
हीया -हीया हो

घंटी बजी
छुट्टी हुयी
सब कोई बोले
हीया -हीया हो।




कोलकत्ता
२६ मार्च,२०१०

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