रंग-बिरंगी चिड़िया आई
थोड़े चावल चुन कर लाई
सोचा मिलकर खीर बनायें
हिल-मिल कर संग में खायें
हिल-मिल कर संग में खायें
उसके मुँह में पानी आया
डाल से नीचे झट वो आया
चुपके से सब चावल खाया
सारी चिडियाँ उदास हो गयी
मुँह लटका गमगीन हो गयी
अब कहाँ से चावल आये
कैसे अपनी खीर बनायें
कृष्णा यह सब देख रहा था
मन ही मन कुछ सोच रहा था
उसने चिडियों को पास बुलाया
खीर खिला कर मित्र बनाया।
सैन डिएगो (अमेरिका)
१६ दिसंबर, २००८
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