रविवार, 29 जुलाई 2012

प्रकृति के रंग



टेढ़ी -मेढ़ी  कुछ खीँच लकीरे
कृष्णा ने एक चित्र बनाया

देख चित्र  मैंने  जब  पूछा
   उसने मुझको यों समझाया

  लाल रंग जहाँ बिखरा था    
उसने उसको भोर बताया 

 काला रंग जँहा छितरा था   
उसको काजल कोर बताया 

  हरा रंग धरती का आँचल    
   पेड़ो  को उसने दिखलाया     

नीला  रंग जँहा  फैला  था
उसको गंगा जल बतलाया

 गायों को  चरते  दिखलाया  
 चिड़ियों को उड़ते दिखलाया

टेढ़ी-मेढ़ी  कुछ खीँच लकीरे
कृष्णा ने एक चित्र बनाया। 



कोलकत्ता 
१ सितम्बर, २०१०  


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