बादल आये बादल आये
रंग - रंगीले बादल आये
गड़-गड़ करते शोर मचाते
मानो घोड़े नभ में उड़ते
गोरे बादल, काले बादल
पानी है बरसाए बादल
चम-चम बिजली चमकाए
धुड़ूम- धुड़ूम पानी बरसाए
अमृत जैसा जल बरसाते
नहीं किसी को ये तरसाते
बरसाते ये नभ से मोती
चाँदी जैसा बहता पानी
चाँदी जैसा बहता पानी
महक उठी धरती से सोंधी
हवा हो गई ठंडी - ठंडी
जंगल में मंगल हो जाए
बादल जब पानी बरसाए।
कोलकत्ता
१४ जनवरी, २०११
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