दस्तक बुढ़ापा देने लगा
हुक्म चलाना छोड कर
उनकी हाँ में हाँ करो
बुढापे का स्वागत करो
रुख समय का देख कर
अपने आप को बदलो तुम
बुढापे का स्वागत करो
सब कुछ अब सहते चलो
सब्जी सड़े या बिजली जलो
कौन सुनेगा कहा तुम्हारा
किसके पास \समय है अब
ध्यान लगा कर घर में बैठो
कोलकत्ता
बीते समय को भूल कर
वक्त से समझौता करो
बुढापे का स्वागत करो
बुढापे का स्वागत करो
हुक्म चलाना छोड कर
हुक्म मानना सीखो अब
बच्चे जो कुछ करना चाहे उनकी हाँ में हाँ करो
बुढापे का स्वागत करो
रुख समय का देख कर
अपने आप को बदलो तुम
शांत भाव से रहना सीखो
गुस्सा करना बंद करोबुढापे का स्वागत करो
सब कुछ अब सहते चलो
सब्जी सड़े या बिजली जलो
होने दो जो कुछ होता है
टोका - टोकी बंद करो
टोका - टोकी बंद करो
बुढापे का स्वागत करो
कौन सुनेगा कहा तुम्हारा
किसके पास \समय है अब
ध्यान लगा कर घर में बैठो
चुप रहना स्वीकार करो
बुढापे का स्वागत करो।
बुढापे का स्वागत करो।
कोलकत्ता
२८ अगस्त, २०१०
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