रविवार, 29 जुलाई 2012

संदेसो

घर स्यूं मरवण रो
संदेसो आयो
अब काळै बिरखा
मोकली है

काती सरा पर
आया रहीज्यो
रामजी' री मैर 
समुं सैंजोर है

हरी करस
घोटां पोटां तो बाजरी
खारिये मान मोठ ओ
कङयॉ  सूदो  गुंवार उबौ है

काकड़ी मतीरा री बेलां
चियां 'र फुलडा  स्यूं
लड़ालूम हो राखी है 
साख सवाई है


टाबरिया ओळृं करे
टिकट कटा 'र राखिज्यो
काती सरा पर 
आया रहीज्यो।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें