प्रभु हम तुम्हे भूलें नहीं
कहने से काम चलेगा नहीं
पूरी तरह सर्मर्पित हो कर
हर कर्म करे प्रभु निमित्त
विलीन कर दें जीवन प्रभु में
निमित्त हो जाये प्रभु हाथ में
चाहे पत्तो की तरह उड़ाएं
चाहे फूलो की तरह खिलाएं
प्रभु जो करें वही सिरधरे
सब कुछ अब प्रभु नाम करें।
कोलकत्ता
१० अगस्त, २०११
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